- Kanika Chauhan
फसाना !!
मासूम सी मोहब्बत का बस इतना सा फसाना है कागज की हवेली है, बारिश का जमाना है क्या शर्त-ए-मोहब्बत, क्या शर्त-ए-जमाना है आवाज भी जख्मी है और वो गीत भी गाना है उस पार उतरने की उम्मीद कम है, कश्ती भी पुरानी है, तुफान भी आना है समझे या न समझे वो, अंदाज-ए-मोहब्बत एक शक्स को एक शेर तो सुनाना है!!
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