- Kanika Chauhan
खेलने-कूदने वाली उम्र में खड़ी की 100 करोड़ की कंपनी
बड़े -बड़े बिजनेमैन की सक्सेस की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होगी और पढ़ी भी होगी। बड़े बुजुर्गों को यह कहावत भी कहते हुए सुना होगा कि पूत के पांव में पालने में ही दिख जाते हैं। इस कहावत को सच कर दिखाया महज 13 साल के एक लड़के ने। छोटी सी उर्म में ही न सिर्फ कंपनी खड़ी की बल्कि अगले दो साल में 100 करोड़ रूपए कमाने का भी टारगेट तय कर लिया है। एक बैंकर को यह बिजनेस आइडिया इतना शानदार लगा कि वो अपनी नौकरी छोड़ इस कंपनी का सीईओ बनने के लिए तैयार हो गया।
आपके मन में भी यह सवाल उठ रहे होगें कि आखिर यह है कौन??? वो लड़का जो इतनी कम उम्र में ऐसे सपने देख रहा है। तो आप भी जरूर जान ले महज 8वीं क्लास में पढ़ने वाले इस छात्र तिलक मेहता ने लॉजिस्टिक कंपनी पेपर्स एन पार्सल्स की स्थापना की है। बहुत ही कम समय में यह कंपनी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई।
पिता से बिजनेस का आइडिया लेकर तिलक ने इस बिजनेस की शुरूआत की। दरअसल कुछ दिन पहले उसे कुछ किताबों की जरुरत थी, जो शहर के दूसरे इलाके में मिलते हैं, लेकिन पिता काम से थके हुए लौटे, जिसके बाद वो अपने पिता से अपने काम की बात नहीं कर सका, साथ ही तिलक ने भी बताया कि कोई और नहीं था, जिससे वो इस काम के लिए कह सकते थे, इसी वजह सेउन्हें ये आइडिया आया, कि क्यों ना पेपर्स एन पार्सल्स की सर्विस शुरु की जाए।
तिलक ने अपने पेपर्स एन पार्सल्स बिजनेस आइडिया के बारे में एक बैंकर को बताया। बैंकर को उनका आइडिया इतना जबरदस्त लगा, कि वो अपनी नौकरी छोड़ने के लिए राजी हो गए। नौकरी छोड़ने के बाद वो कंपनी के सीईओ बन गए। जिसके बाद उन्होंने तिलक के साथ मिलकर ऐसी रणनीति बनाई कि कंपनी दिन दुनी-रात चौगुनी बढ़ने लगी।
8वीं पास तिलक ने अपने बिजनेस की शुरुआत करने से पहले मार्केटमें करीब 4 महीने तक रिसर्च किया। इस काम में उनके पिता ने ही भरपूर मदद की। तिलक के पिता भी लॉजिस्टिक कंपनी में ही चीफ एक्जीक्यूटिव के पद पर हैं, तो उन्हें इस सेक्टर का अच्छा खासा अनुभव हैं, पिता से मिले अनुभव के बाद बेटे ने कंपनी शुरु कर दी।

पार्सल की डिलीवरी करने के लिए तिलक मेहता ने तीन सौ डब्बा वालों को अपना पार्टनर बनाया, साथ ही दो सौ लोगों को काम पर रखा। अभी पेपर एन पार्सल्स रोजाना 1200 से ज्यादा पार्सल्स की डिलीवरी करती है। एप्प के जरिए कोई भी कस्टमर्स ऑर्डर दे सकता है। उसी दिन डिलीवरी कर दी जाती है। फास्ट सर्विस की वजह से ये कंपनी तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
तिलक मेहता की लॉजिस्टिक कंपनी तीन किलो पार्सल तक की डिलीवरी करती है। कंपनी 40 से 180 रुपये तक वजन के अनुसार चार्ज करती है। बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद तिलक की कंपनी से सीईओ बने घनश्याम पारेख ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य लॉजिस्टिक मार्केट के बीस फीसदी हिस्से पर काबिज होना है। आने वाले दो वर्षों में कंपनी ने 100 करोड़ रुपये रेवेन्यू का लक्ष्य रखा है।